राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का द्विवार्षिक अधिवेशन रविवार को विकास भवन के परिसर में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में कर्मचारी हितों के लेकर अनेक मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाये गये। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने उद्घाटन करते हुये कहा कि कर्मचारी प्रशासन की मजबूत कड़ी है, इनके सहयोग के बिना लक्ष्य हासिल नहीं किये जा सकते। कहा कि जनपद स्तर पर कर्मचारी समस्याओं के जो प्रकरण लम्बित हैं उनका विन्दुवार निस्तारण प्रभावी ढंग से कराया जायेगा। इसी क्रम में अधिवेशन के बाद चुनाव अधिकारी अशोक कुमार मिश्र और नामित पर्यवेक्षक उप जिला मजिस्टेªट जगदम्बा सिंह की देख रेख में पदाधिकारियों का चयन हुआ जिसमें सर्व सम्मत से मस्तराम वर्मा चौथी बार अध्यक्ष और तौलू प्रसाद भी चौथी बार मंत्री और राम अधार पाल नौवी बार वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मनोज यादव लेखा सम्प्रेक्षक चुने गये। उप जिला मजिस्टेªट जगदम्बा सिंह ने नव निर्वाचित पदाधिकारियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाया।
विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द कुमार पाण्डेय ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के स्तर पर कराया जायेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुये कहा कि इन दिनों कर्मचारी उपेक्षा के शिकार हैं, उनकी जायज मांगो को भी अनसुनी किया जा रहा है, यही नहीं लिखित समझौतों तक का पालन कराने में राज्य सरकार उदासीन है। आवाहन किया कि कर्मचारी एकजुटता बनाये रखें जिससे उनके अधिकार सुरक्षित रहें वरना एक-एक कर उनके अधिकार छीन लिये जायेंगे। पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगति, कैश लेश चिकित्सा जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि अति शीघ्र परिषद इन सवालों को लेकर राज्य व्यापी आन्दोलन छेड़ेगा।
द्विवार्षिक अधिवेशन को मुख्य रूप से परिषद के गोण्डा के जिलाध्यक्ष इन्द्रपाल तिवारी, संतकबीर नगर के अध्यक्ष विजय प्रताप पाल, प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह, स्टेनो ग्राफर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्वनाथ पाण्डेय,परिषद के मण्डल अध्यक्ष प्रताप नरायन शुक्ल, पेंशनर एसोसिएशन अध्यक्ष जलालुद्दीन कुरेशी, अखिलेश पाठक, अरूणेश पाल, अमरनाथ गौतम, राकेश पाण्डेय, अजय आर्य, अजीत सिंह, महेन्द्र चौधरी, सन्तोष राव, श्याम बिहारी चौधरी, राजेश कुमार यादव, उमेश चन्द्र वर्मा, रणंजय सिंह, भरत विक्रम मौर्य, डीएस सिंह, राम सुमेर, उमा रमण तिवारी, मुकेश सोनकर, उदयपाल, सुभाष मिश्र, विश्वदेव दूबे, सन्तोष कुमार शुक्ल, रामशंकर चौधरी, संजय निगम, अमरेश श्रीवास्तव, दिनेश सिंह 'मगन' अवधेशमणि आदि ने सम्बोधित करते हुये विभागवार कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
अधिवेशन के आरम्भ में मंत्री तौलू प्रसाद ने दो वर्षो के कार्यकाल का लेखा जोखा प्रस्तुत किया और कोषध्यक्ष राजेश यादव ने आय-व्यय का व्यौरा दिया और मनोज कुमार ने सम्प्रेक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र में 14 सूत्रीय मांग पत्र संगठन मंत्री प्रमोद कुमार शुक्ल ने सदन में रखा जिसको अध्यक्ष ने पारित कराकर जिलाधिकारी और प्रदेश महामंत्री को सौंपा। इसी क्रम में परिषद के पदाधिकारियों ने अतिथियों का माल्यार्पण, वैज लगाकर स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। सन्तोष इलाहाबादी, धुव्र चन्द्र मिश्र ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
विकास भवन के परिसर में हुये द्विवार्षिक अधिवेशन में मुख्य रूप से डीएन वर्मा, ऋतुराज पाण्डेय, राकेश श्रीवास्तव, रघुनाथ तिवारी, मो. कलीम, जे.पी.एन. सिंह, जयनाथ सिंह, चन्दप्रकाश राव, हरिराम पाल, सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, संजय निगम, जितेन्द्र कुमार अरोरा, अनुज प्रधान, रियाजत अली, देवेन्द्र सिंह, रंगीलाल, आलोक श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, शीतल गुप्ता, नन्दनी पाण्डेय, कामिनी आर्य, सीमा भारद्वाज के साथ ही बड़ी संख्या में परिषद के पदाधिकारी, सदस्य एवं परिषद से सम्बद्ध विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, प्रतिनिधि शामिल रहे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के द्विवार्षिक अधिवेशन में उठे मुद्दे डीएम, सीडीओ ने दिया समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन मस्तराम वर्मा अध्यक्ष, तौलू प्रसाद, मंत्री, राम अधार पाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने